विश्व के सभी नामी गिरामी देश जैसे- अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन आदि अर्थव्यवस्था में अपना सिक्का जमाये हैं। उनकी मुद्रा डॉलर इत्यादि भी महंगे है और हमारा रूपया काफी सस्ता है। जबकि इन देशों की बेहतर स्थिति बनाने में हमारे देश का ही योगदान है। सुप्तावस्था में पड़े हम देखे जा रहे है और ख़रीदे जा रहे है विदेशी माल। दीपावली के फैंसी सजावटी सामान भी विदेशों से आ रहे है। कितने अफ़सोस की बात है कि हमारे ही बाज़ार में, हमारे ही लोगों से, गैर मुल्कों के लोग हमारी ही पूँजी लूटे जा रहे है। सावधान होना होगा हमें, अब और नहीं लुटना, बहुत हो चुका !