यदि हम अपने देश के इतिहास को देखे तो हमारा देश अति धनिक एवं साधन संपन्न देश था। इसलिए इसे “सोने की चिड़ियाँ” कहते थे। किन्तु अनेक विदेशी आक्रान्ताओं ने सोने की चिड़ियाँ का सारा सोना लूट लिया और चिड़ियाँ को अति घायल करके छोड़ दिया। हमारा देश अभी भी घायल है और शायद उसकी उतनी भी देखभाल नहीं हो सकी है जिससे कि वह पूरी तरह से ठीक हो सके । ऐसे में हमने तो कमर कस ली है, कि अपने देश भारत वर्ष को पुनः सोने की चिड़ियाँ बनायेंगे, बस आपका साथ चलना बाकी है।